हल्द्वानी। मुखानी में हुए अपहरण कांड का मंगलवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया। पुलिस ने अपहृत युवक तुषार लोहनी को भी सकुशल बरामद कर लिया है। अपहरण के आरोप में तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। अपहरण की ये साजिश 50 लाख रुपये की फिरौती वसूलने के लिए रची गई थी। 07 मई 2025 को नैनीताल निवासी गिरीश चंद्र लोहनी ने अपने बेटे तुषार लोहनी (27 वर्ष) के अपहरण की शिकायत मुखानी थाने में दर्ज कराई। तहरीर में उन्होंने बताया कि कुछ अज्ञात लोगों ने तुषार को अगवा कर फरीदाबाद ले जाकर उससे मारपीट और गाली-गलौज की। इस पर पुलिस ने तत्काल FIR संख्या 113/25 धारा 137(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने इस गम्भीर घटना की त्वरित जांच और गिरफ्तारी के लिए एसपी सिटी प्रकाश चंद्र को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए, जिनके नेतृत्व में सीओ हल्द्वानी नितिन लोहानी की निगरानी और थानाध्यक्ष दिनेश जोशी के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम गठित की गई। तकनीकी साक्ष्यों और सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण के आधार पर पुलिस टीम ने उत्तर प्रदेश के बांदा और इटावा जिलों में दबिश दी और गहन छानबीन के बाद तुषार लोहनी को 11 मई को अत्तरा, बांदा से सुरक्षित बरामद कर लिया गया। अपहरण की साजिश में मुन्ना कुरैशी (हरियाणा), दयाशंकर तिवारी (बांदा), अंकुश कुमार और विनय प्रताप (इटावा) सहित कई लोग शामिल पाए गए। पुलिस ने 19 मई को आरोपियों के घरों पर दबिश देकर दयाशंकर तिवारी, अंकुश कुमार और विनय प्रताप को गिरफ्तार कर लिया, जबकि अन्य की तलाश जारी है।
पूछताछ में सामने आया कि मुख्य आरोपी आलोक तिवारी से तुषार लोहनी के बीच 50 लाख रुपये का लेनदेन चल रहा था, जिसे लेकर रंजिश में अपहरण की योजना रची गई। तिवारी ने शादी समारोह के दौरान अंकुश, विनय और एक पुराने जानकार मुन्ना कुरैशी से संपर्क कर अपहरण की साजिश रची। 6 मई को कालाढूंगी रोड स्थित बावर्ची रेस्टोरेंट से तुषार का अपहरण कर उसे बांदा और चित्रकूट के अलग-अलग स्थानों पर रखा गया और फिरौती की मांग की गई। इस पूरे प्रकरण में मुखानी थाना पुलिस, एसओजी और तकनीकी टीमों की सक्रिय भूमिका रही। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 140(2)/190/61(2) के तहत अभियोग पंजीकृत कर लिया है। साथ ही फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है।








