देहरादून। एसटीएफ ने एक बड़ी कार्यवाही को अंजाम देते हुए नकली जीवनरक्षक दवाइयों का निर्माण और सप्लाई करने वाले फैक्ट्री मालिक को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी नकली दवाओं के उस संगठित गिरोह के खिलाफ की गई है,जो देशभर में नकली दवाएं भेजकर आम लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहा था। अब तक इस गिरोह के चार सदस्यों को STF गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि कई अन्य की कुंडली खंगाली जा रही है। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि कार्रवाई दवा कंपनियों जैसे GLENMARK, ALKEM, INTAS, IPCA, DR REDDY आदि की नकली दवाओं के विक्रय की शिकायतों के बाद कार्यवाही की गई है। इन दवाओं की हूबहू नकल कर बाजार में उतारा जा रहा था, जो आम जनता के लिए जानलेवा साबित हो सकता था। इससे न केवल जनस्वास्थ्य को गंभीर खतरा था, बल्कि सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि भी हो रही थी।
एसटीएफ ने इस गिरोह के खिलाफ जून माह में थाना सेलाकुई में केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। पहले ही तीन आरोपी संतोष कुमार, नवीन बंसल और आदित्य काला को गिरफ्तार किया जा चुका था। जांच के दौरान यह सामने आया कि गिरोह की जड़ें सहसपुर में स्थित डॉ मित्तल लैबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड तक पहुंचती हैं, जहां नकली दवाओं का उत्पादन किया जा रहा था। गिरफ्तार किए गए फैक्ट्री मालिक देवी दयाल गुप्ता ने नवीन बंसल की फर्जी कंपनियों Reelin PharmaTek और Bee Chem Biotech को भारी मात्रा में नकली दवाइयां तैयार कर सप्लाई की थीं। एसटीएफ की विवेचना में सामने आया कि साल 2021 से 2025 तक देवी दयाल गुप्ता ने करीब 1 करोड़ 42 लाख टैबलेट और 2 लाख कैप्सूल बनवाकर भेजे। इनमें पैंटोप्राजोल, डाइक्लोसिन, लेवोसिट्रीज़ीन, प्रोक्लोर्पेपराज़ीन, टेल्मिसार्टन जैसी दवाएं शामिल थीं, जिन्हें प्रतिष्ठित ब्रांडों की पैकेजिंग में भेजा जाता था।








