
देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा गेट बीआरओ कैंप के पास हुए हिमस्खलन में दबे श्रमिकों में से अब तक 8 की मौत हो चुकी है, जबकि 46 श्रमिकों को सुरक्षित बचा लिया गया है। इस आपदा के बाद से ही बचाव दल युद्धस्तर पर राहत और खोज अभियान चला रहे हैं। प्रशासन ने मृतकों के शव उनके परिजनों तक पहुंचाने की व्यवस्था कर दी है, जबकि घायलों का ज्योतिर्मठ और एम्स ऋषिकेश में इलाज चल रहा है। घटना 28 फरवरी की सुबह 8:30 बजे हुई, जब सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के श्रमिक निर्माण कार्य में लगे थे। अचानक हिमस्खलन आने से 54 मजदूर बर्फ के बीच फंस गए। तत्काल बचाव कार्य शुरू किया गया और धीरे-धीरे सभी मजदूरों को निकालने का प्रयास किया गया। बचाव अभियान में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगी रहीं।
अब तक कुल 8 मजदूरों के शव निकाले जा चुके हैं, जिनमें हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड के श्रमिक शामिल हैं। 46 अन्य को बचा लिया गया है, जिनमें से 44 जोशीमठ स्थित सेना के अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी हालत सामान्य बताई जा रही है। गंभीर रूप से घायल दो मजदूरों का एम्स ऋषिकेश में इलाज चल रहा है उनकी स्थिति में भी सुधार हो रहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन केंद्र का दौरा कर बचाव कार्यों की समीक्षा की और राहत कार्यों को और तेज करने के निर्देश दिए। उन्होंने मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया। वहीं प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों में मौसम और बिगड़ सकता है, जिससे राहत कार्यों में बाधा आ सकती है।