देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की भर्ती परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण को लेकर पिछले सात दिनों से परेड ग्राउंड में आंदोलनरत युवाओं को आखिरकार बड़ी राहत मिल गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को अचानक धरनास्थल पर पहुंचे और आंदोलनकारी छात्रों से मुलाकात कर उनकी मांगों को स्वीकार कर लिया।सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने छात्रों को आश्वस्त करते हुए पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की घोषणा की। सीएम ने कहा कि कड़ी धूप में धरना दे रहे युवाओं की पीड़ा को वह सहन नहीं कर पा रहे थे, इसलिए बिना सूचना दिए सीधे उनके बीच पहुंचे। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद धरनास्थल पर बैठे युवाओं में खुशी की लहर दौड़ गई। युवा नेता बॉबी पंवार और राम कंडवाल ने आंदोलन के समर्थन में मुख्यमंत्री के इस कदम का आभार जताया। गौरतलब है कि 21 सितंबर को आयोजित परीक्षा के दौरान पेपर लीक होने की घटना सामने आई थी। परीक्षा शुरू होने के महज आधे घंटे बाद ही प्रश्नपत्र की प्रतियां सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं, जिससे आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठे। इसके विरोध में प्रदेशभर के युवा बेरोजगार संघ के नेतृत्व में आंदोलनरत थे और सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। विपक्ष और विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए नकल माफियाओं पर कार्रवाई की मांग तेज कर दी थी। अंततः मुख्यमंत्री धामी ने युवाओं की मांगों को मानकर बड़ा कदम उठाया और यह संदेश दिया कि सरकार भ्रष्टाचार और नकल माफिया पर सख्त कार्रवाई करेगी।








