हल्द्वानी। शहर के कालाढूंगी चौराहे की पहचान वर्षों पुराने कालू सिद्ध बाबा मंदिर में लगे पीपल के पेड़ को अन्यत्र शिफ्ट किए जाने की कवायद 23 जुलाई को शुरू हो गई।
जनश्रुतियों के माध्यम से मंदिर की कहानी इस प्रकार है कि अंग्रेजों के समय एक बाबा यहाँ आये थे ,उन्हें यहाँ भगवान शनिदेव की उपस्थिति का अहसास हुआ, इसलिए उन्होंने यहां पर शनि मठ की स्थापना की। जिसे बाद में कालु सिद्ध बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुआ। मंदिर में एक शनि मूर्ति भी स्थापित की गई है। प्रत्येक शनिवार मंदिर में भक्तों की भीड़ रहती है। कालू सिद्ध बाबा को हल्द्वानी का क्षेत्रपाल भी कहते हैं। नगर के लोगों की कालू सिद्ध बाबा में अटूट आस्था है। कहते हैं कालू साई बाबा को गुड़ बहुत पसंद था। इसलिए मंदिर में उनका मनपसंद गुड़ का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
शहर में हो रहे विकास कार्यों के चलते कर ढूंढने चौराहे का चौड़ीकरण किया जा रहा है जिसके कारण मंदिर को उसके स्थान से कुछ दूरी पर शिफ्ट किया गया है। पूर्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा नए मंदिर का शुभारंभ किया गया था। अब पुराने मंदिर को तोड़े जाने की कार्रवाई के चलते प्राचीन पेड़ को भी यहां से शिफ्ट किए जाने की कवायत चल रही है। बुधवार को इसी के चलते पेड़ की लैंपिंग की गई। इस दौरान यातायात भी बाधित होता रहा लगभग 2 से 3 घंटे की मशक्कत के बाद पेड़ की सभी शाखों को काट दिया गया है। अब पेड़ को अन्यत्र शिफ्ट किया जाएगा।








