पिथौरागढ़। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार को अपनी मां के साथ, पिथौरागढ़ जनपद स्थित अपने पैतृक गांव टुंडी-बारमौं पहुंचे। यहां उन्होंने स्थानीय लोगों से भेंट कर उन्होंने उन्होंने गांव के मंदिर में पूजा अर्चना की और प्रदेश की खुशहाली के लिए प्रार्थना की।
गांव पहुंच पुराने दिनों को याद कर भावुक हुए मुख्यमंत्री धामी ने गांव में बिताए अनुभव साझा करते हुए कहा कि मां के साथ अपने पैतृक गांव पहुंचना उनके लिए बेहद भावुक क्षण रहा। इसी भूमि पर उन्होंने बचपन बिताया, पहली बार विद्यालय की राह पकड़ी और इसी गांव के स्नेह, संस्कृति और परम्पराओं की समृद्ध छाया ने उनके व्यक्तित्व को आकार दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव पहुंचते ही बुजुर्गों का प्यार और आशीर्वाद पाकर मन प्रफुल्लित हो उठा है। गांव के कई बुजुर्गों ने उन्हें बचपन के नाम से पुकारा, इस अपनत्व को शब्दों में बयां करना मुश्किल है। नौनिहालों और युवाओं की मुस्कुराहटों में वह सारी स्मृतियां फिर जीवंत हो उठीं, जिन्होंने मुझे मूल्य सिखाए और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुलाकात के दौरान हर चेहरा अपना लगा, हर आंगन स्मृतियों से भरा और हर कदम बचपन की गलियों से होकर गुजरता हुआ महसूस हुआ। टुंडी-बारमौं उनके लिए सिर्फ एक गांव नहीं बल्कि उनकी जड़, संस्कार और पहचान भी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आग्रह के अनुसार, प्रत्येक उत्तराखंडवासी को अपने पैतृक गांव में अपने घरों को फिर से संवारना होगा। उन्होंने कहा कि गांव से बाहर निवास करने वाले उत्तराखंड के प्रत्येक व्यक्ति को अपने गांव के विकास में योगदान देना होगा। प्रवासी गांव के विकास में अहम योगदान दे सकते हैं।








