नैनीताल। विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य कोषाधिकारी कार्यालय से मुख्य कोषाधिकारी दिनेश कुमार राणा और उन्हीं के कार्यालय में कार्यरत अकाउंटेंट बसंत कुमार जोशी को 1.20 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। दोनों को उस समय रंगे हाथों पकड़ा गया गया, जब वह शिकायतकर्ता से रिश्वत की रकम ले रहे थे।जानकारी अनुसार न्यायालय नैनीताल में कार्यरत शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान में यह शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी और उसके पांच अन्य साथियों की एसीपी (Assured Career Progression) लगनी थी। इसके लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया था, जिसमें दो सदस्यों ने पहले ही दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर दिए थे, परंतु तीसरे सदस्यमुख्य कोषाधिकारी दिनेश कुमार राणा जानबूझकर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार उन्हें बताया गया कि जब तक प्रति व्यक्ति 50,000 रुपये की रिश्वत नहीं दी जाती, तब तक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं होंगे। मुख्य कोषाधिकारी के निर्देश पर अकाउंटेंट बसंत कुमार जोशी ने शिकायतकर्ता से संपर्क कर उसे कार्यालय बुलाया और सौदे की बात पक्की की गई।








