हल्द्वानी। आवास विकास, सुभाष नगर क्षेत्र में नाले के किनारे बसे घरों पर लगाए गए लाल निशानों को लेकर स्थानीय विधायक सुमित हृदयेश ने रविवार को प्रभावित इलाकों का दौरा किया। उन्होंने यहां निवासरत लोगों से मुलाक़ात कर उन्हें भरोसा दिलाया कि वे इस संकट की घड़ी में उनके साथ मज़बूती से खड़े हैं।
विधायक ने कहा कि यह केवल दीवारों पर लगे निशान नहीं हैं बल्कि हज़ारों परिवारों के उन आशियानों पर हमला है जो उन्होंने अपने खून-पसीने से बनाए हैं। यह कार्यवाही केवल भवनों के विरुद्ध नहीं बल्कि आम आदमी के जीवन से भी खिलवाड़ है।
उन्होंने प्रशासन द्वारा 1930 के पुराने नक्शों के आधार पर की जा रही कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि “उस दौर में हल्द्वानी का अधिकांश हिस्सा जंगल हुआ करता था। क्या अब सरकार हल्द्वानी को फिर से जंगल में बदलना चाहती है?” उन्होंने यह भी कहा कि जिन घरों को आज निशाना बनाया जा रहा है, वहाँ लोग कई पीढ़ियों से रह रहे हैं।
सुमित हृदयेश ने राज्य सरकार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह कार्रवाई पूरी तरह असंवेदनशील और साज़िशपूर्ण प्रतीत होती है। सरकार द्वारा प्रशासनिक तंत्र का दुरुपयोग कर आम नागरिकों पर मानसिक दबाव बनाया जा रहा है, जो लोकतंत्र के मूल स्वरूप के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस अन्याय पूर्ण कार्रवाई को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा। कहा कि बहुत जल्द बह जनता के साथ मिलकर विशाल जन आंदोलन करेंगे।
सुमित ने जनता की आश्वस्त किया कि 19 अगस्त से शुरू हो रहे उत्तराखंड विधानसभा सत्र में वे इस मुद्दे को पूरी ताकत के साथ उठाएंगे और सरकार तथा प्रशासन से इस मुद्दे पर सवाल जवाब करेंगे। उन्होंने जनता से अपील की है कि यह लड़ाई केवल ज़मीन या मकानों की नहीं, बल्कि हमारी अस्मिता, अधिकार और भविष्य की है। सभी वर्गों चाहे व्यापारी हों, आम नागरिक हों या किसी भी धर्म या जाति से हों हम सबको एकजुट होकर इस अन्याय के खिलाफ खड़ा होना होगा।
इस दौरान स्थानीय पार्षद पंकज त्रिपाठी, गुरुप्रीत प्रिंस, धीरज जोशी, दिलीप कन्याल, जगमोहन सिंह, बब्बू, योगेश बुधनी , गोविंद सिंह बोरा, हर्षित भट्ट, सुरेंद्र मौर्य, बी.एन पनेरू सहित अन्य स्थानीय लोग मौजूद रहे।








